Tuesday, July 7, 2009
फिर से आज संग है राज!
ये प्यार ये लगाव
एक नगमा है हमारा ...
जो ना बदलता है मौसम की तरह,
ना पिघलता है मो़म की तरह
ये तोह वो भावः है दिल का
जो आपको बनाता है खास हमारा!
हर पल आपका ख्याल आता है
फासलों पर भी चेहरा नज़र आता है
क्या अनोखा रिश्ता है ये...
मिले तब 'अनजान' थे
अब 'एक-जान ' सा नज़र आता है!
अजीब सी कशमकश है
हुआ दिल बेबस है
खुशिया रखना चाहता है अपने पास
कहता है दूर ना होते हम काश...
हुआ मन् उदास है
फिर भी नहीं छोड़ी
उसने आस है
बना चुके आपको जो
खास है..
ये अजीब सी कशमकश है...
तुम्हे ना भुलाना
अब आदत हो गई है हमारी
ना भुलाकर भी याद करना
फितरत हो गयी है हमारी
मिले हम तुमसे
ये शायद 'किस्मत' थी हमारी
अब दूर होना है
ये भी 'तकदीर' है हमारी!
सुबह होती है
रात का साया मिटा ने को
चाँद भी निकलता है
तारों के संग टीम-टीमने को
हर पल जीयो जब तक हम साथ है
क्या पता कल ना हो संग मुस्कुराने को!
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Shayri
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